Video Discription |
Shri Radha Chalisa || श्री राधा चालीसा
Shri Radha Chalisa With Lyrics
आप सभी वैष्णवजन श्री राधा चालीसा का नित्य पाठ करें, जिससे आपके ऊपर राधामाधव प्रभु की अकारण करुणा एवं कृपा होगी, और आपकी भक्ति उनके श्री चरणों में बढ़ेगी ।
#RadhaChalisa #राधा_चालीसा
श्री राधा चालीसा को आप यहां पढ़ सकते है । 👇👇
।।दोहा।।
श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दावन विपिन विहारिणी , प्रनवौ बारम्बार ।।
जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ।।
।।चौपाई।।
जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा, कीरति नंदिनी शोभा धामा ।।
नित्य बिहारिनी श्यामा धारा , अमित मोद मंगल दातारा ।।1।।
रास विलासिनी रस विस्तारिणी, सहचरी सुभग यूथ मन भावनी ।।
नित्य किशोरी राधा गौरी, श्याम प्राण धन अतिसय भोरी ।।2।।
करुणा सागर हिय उमंगिनी, ललितादिक सखियन की संगिनी ।।
दिनकर कन्या कुल विहारिनी, कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनी ।।3।।
नित्य श्याम तुमरौ गुण गावै,राधा राधा कही हरषावैं ।।
मुरली में नित नाम उचारें, तुम कारण प्रिया वृषभानु दुलारी ।।4।।
नवल किशोरी अति छवि धामा, द्दुति लधु लगै कोटि रति कामा ।।
गोरांगी शशि निंदक वंदना, सुभग चपल अनियारे नयना ।।5।।
जावक युत युग पंकज चरना, नुपुर धुनी प्रीतम मन हरना ।।
संतत सहचरी सेवा करहिं, महा मोद मंगल मन भरहीं ।।6।।
रसिकन जीवन प्राण अधारा, राधा नाम सकल सुख सारा ।।
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा, ध्यान धरत निशिदिन ब्रज भूपा ।।7।।
उपजेउ जासु अंश गुण खानी, कोटिन उमा रमा ब्रह्मिनी ।।
नित्य धाम गोलोक विहारिन, जन रक्षक दुःख दोष नसावनि ।।8।।
शिव अज मुनि सनकादिक नारद, पार न पाँई शेष शारद ।।
राधा शुभ गुण रूप उजारी, निरखि प्रसन्न होत बनवारी ।।9।।
ब्रज जीवन धन राधा रानी, महिमा अमित न जाय बखानी ।।
प्रीतम संग दे ई गलबाँही , बिहरत नित्य वृन्दावन माँहि ।।10।।
राधा कृष्ण कृष्ण कहैं राधा, एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।।
श्री राधा मोहन मन हरनी, जन सुख दायक प्रफुलित बदनी ।।11।।
कोटिक रूप धरे नंद नंदा, दर्श करन हित गोकुल चंदा ।।
रास केलि करी तुम्हें रिझावें, मान करो जब अति दुःख पावें ।।12।।
प्रफुलित होत दर्श जब पावें, विविध भांति नित विनय सुनावे ।।
वृन्दारण्य विहारिनी श्यामा, नाम लेत पूरण सब कामा ।।13।।
कोटिन यज्ञ तपस्या करहु, विविध नेम व्रतहिय में धरहु ।।
तऊ न श्याम भक्तहिं अपनावें, जब लगी राधा नाम न गावें ।।14।।
वृन्दाविपिन स्वामिनी राधा, लीला वपु तब अमित अगाधा ।।
स्वयं कृष्ण पावै नहीं पारा, और तुम्हैं को जानन हारा ।।15।।
श्री राधा रस प्रीति अभेदा, सादर गान करत नित वेदा ।।
राधा त्यागी कृष्ण को भजिहैं, ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ।।16।।
कीरति कुँवरि लाडली राधा, सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।।
नाम अमंगल मूल नसावन, त्रिविध ताप मन हरी मनभावन ।।17।।
राधा नाम लिये जो कोई , सहजहि दामोदर वस होई ।।
राधा नाम परम सुखदाई, भजतहीं कृपा करहिं यदुराई ।।18।।
यशुमति नंदन पीछे फिरिहै, जो कोऊ राधा नाम सुमिरिहै ।।
रास विहारिनी श्यामा प्यारी, करहु कृपा बरसाने वारी ।।19।।
वृन्दावन है शरण तिहारी, जय जय जय वृषभानु दुलारी
वृन्दावन है शरण तिहारी, जय जय जय वृषभानु दुलारी ।।20।।
।।दोहा।।
श्री राधा सर्वेश्वरी , रसिकेश्वर धनश्याम ।
करहूँ निरंतर वास मैं, श्री वृन्दावन धाम ।।
• Copyright Disclaimer- under section 107 of the copyright act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use. THIS VIDEO IS ONLY GOPI BHAV DEVOOTES, TRYING TO CLOSE THE HOLY FEET OF 'RADHAMAADHAV YUGAL SARKAR'. NO COPYRIGHT INFRINGEMENT INTENDED. All rights music belong to their respective Owners.
श्री राधे 🙌 |