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श्री आशारामायणजी के नए संस्करण में पूज्य बापूजी की प्रेरणा से निम्नलिखित सुधार किए गए हैं,अत:पाठ की शुद्धता हेतु इन सुधारों का ज्ञान होना आवश्यक है:-
1) रहता एक सेठ गुणखानी- 'रहते' एक सेठ गुणखानी!
2) चैत वद छ: उन्नीस अठानवे- चैत वद छ: उन्नीस 'चौरानवे'!
3) पाक में छोडा- 'सिंध' में छोडा भू पशु औ धन!
4) बहुत रात तक पैर- बहुत 'देर' तक पैर दबाते!
5) बडे भाई का हुआ दुशाशन-बडे भाई का हुआ 'कुशाशन'!
6) गए सिद्धपुर नौकरी करनें- गए सिद्धपुर 'साधना' करनें!
7) गोविंद माधव तब रीझे- गोविंद माधव तब 'हैं' रीझे!
8) "पंडित कहा गुरु समर्थ को.." इस दोहे को पाठ से हटा दिया गया है!
9) केदारनाथ के दर्शन पाए,लक्षाधिपति आशीश पाए-केदारनाथ के दर्शन पाए,"गुरु खोजत पग आगे बढाये!"
10) लालजी महाराज आकर्षाये-लालजी महाराज अति हरषाये!
11) सप्रेम शील स्वामी पह धाये,दत्त कुटीर में साग्रह लाये-"भगवत्प्रीति देख मन भाये,दत्त कुटीर में सादर लाये !
12) आसुमल नें छोडी तितिक्षा-आसुमल की तीव्र तितिक्षा!
13) जल प्रकाश आकाश में छाया-जल प्रकाश आकाश समाया!
14) ढाई दिवश होंश न आया-ढाई दिवश ब्रह्मानंद छाया!
15) दीद हैं दो पर दृष्टि एक है-"नयन" है दो पर दृष्टि एक है!
16) "सारा ही ब्रह्मांड पसारा,.."इस चौपाई को हटा दिया गया है!
17) आशाराम तब मन में धारे-आशारामजी मन में धारे!
18) पिया दूध थोडा फल खाया-पिया 'पेय' थोडा फल खाया,नदी किनारे जोगी धाया!
19) इसके बाद दो चौपाईयाँ नई जोडी गई हैं:-
"इक दिन साबरमती तट आये,ऋषि भूमि के स्पंदन पाये।
बन गया मोक्ष कुटीर वहाँ पर,तीरथ बना संत को पाकर।"
20) गाँधीनगर गुजरात में-अमदावाद गुजरात में,हे मोटेरा ग्राम!
21) नारी शक्ति जाग्रत सदा,जिसका नहीं बयान।
और, बालक वृद्ध और नर नारी...इन दोनों पंक्तियों के बीच में निम्नलिखित नया पाठ जोडा गया है:-
"वटवृक्ष पर डाली दृष्टि,करदी अपनी कृपा की वृष्टि!
परिक्रमा इसकी जो करते,मनोकामना कारज फलते।
गुरुदर पर है सबकुछ मिलता,श्रद्धा से जीवन है खिलता।
ब्रह्मज्ञानी की महिमा भारी,शरण पडे उनकी बलिहारी।
गैसकांड विकराल घटा जब,काँप उठा भोपाल नगर तब।
जहरी गैस की फैली हवाऐ,हजारो ने प्राण गवाएं।
आशारामजी के जो साधक,बचे सभी सद्गुरु थे रक्षक।
गुरुमंत्र जो निशदिन जपते,वे न अकाल मृत्यु से मरते।
कहर सुनामीू ने हो ढाया,बाढ अकाल भूकंप हो आया!
जब भी कोई आपदा आई,गुरुवर ने सेवा पहुचाई।
आशाओं के राम हमारे,कहलाते हैं बापू प्यारे।
बापू हैं योगी ब्रह्मवेत्ता,कृपाभिलाषि जन गण नेता।
अटलजी ने जब आशीष पाया,प्रधानमंत्री पद शोभाया ।
विपतकाल में अर्जी लगाई,सत्ता पूर्ण काल तक पाई।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,बापू चाहें सबकी भलाई।
कितनों को सन्मार्ग दिखाया,प्रभुप्रेम आनंद बरसाया।
गुरुनिंदक के संग में,होता सत्यानाश।
गुरुनिंदा जो करे सुने,पडे वो यम की फाँस।।
गुरुआज्ञा पालन करे,अन्य भावना त्याग।
ब्रह्मज्ञान का लक्ष्य रहे,शिष्य वही बडभाग।।
गुरुमंत्र जपता रहे,करता जो नित ध्यान।
गुरुसेवा में लगा रहे,निश्चित हो कल्याण।।
घटना है गोधरा की न्यारी,दुनिया में चर्चित हुई भारी।
आशारामजी का हेलीकॉप्टर,गिरा गोधरा की धरती पर।
पुर्जे चकनाचूर हो गए,और गगन में दूर उड गए।
हजारो की भीड थी आई,फिर भी किसीको खंरोंच न आई।
श्वेत ईंधन की फूटी टंकी,लगी आग बुझ गई स्वयं ही।
हादसा जब भी ऐसा हुआ है,न कोई जीवित स्वस्थ बचा है।
बापू तुरत पंडाल पधारे,किया नृत्य हर्षित हुए सारे।
चमत्कार था अजब अनोखा,दुनिया ने घर बैठे देखा।
लोगों ने यशगान किया,लग लख किया बखान।
दस सेकंड का हादसा,चमत्कार है महान।।
महाकाल को काल ने,शत शत किया प्रणाम।
सर्वसमर्थ हैं सद्गुरु,समरथ है प्रभुनाम।।
बालक वृद्ध और......
22) हजारों के रोग मिटाये,और लाखों के शोक छुडाये-लाखों के हैं रोग मिटाये,शोक करोडों के हैं छुडाये।
23) सूक्ष्म शरीर गुरु... -सभी शिष्य रक्षा हैं पाते,सर्वव्याप्त सदगुरु बचाते।
24) गंगाराम शील हैं दासा,होंगी पूर्ण सभी अभिलाषा-"रहे न चिंता दुख निराशा",होंगी पूर्ण सभी अभिलाषा । |